Thursday, March 3, 2011

एक छोटी सी मुलाकात अनुभा से






प्रिय मित्रो
               आइये जानते है लखनऊ विश्वविद्यालय से  मास कम्युनिकेशन  कर रही अनुभा गुप्ता से बातो का कुछ अंश 
                                             नाम    -    अनुभा गुप्ता
                                  जन्म स्थान    -   आसाम 
                                    जन्म तिथि   -   २२ /०१/१९९०


आप अपने बारे में कुछ कहना चाहे गी ?
मै अनुभा गुप्ता मेरे परिवार में  तीन बहन और एक भाई है , मैंने १० + २ आर्मी स्कुल  चंडीगढ़  से की इस के बाद बी  कॉम  की और अब जन संचार से पोस्ट गेजुएट  कर रही हूँ और मनोरंजन के लिए स्केचिंग भी करती हूँ

बी कॉम करने के बाद अचानक पत्रकारिता  के क्षेत्र में कैसे आना हुआ  ?
यु जी   करने के बाद  सोच नही पा रही  थी की किस कोर्स को करू  तो पापा ने पत्रकारिता करने की सलाह दी वैसे मेरा भी मन था की मै टेलीविजन  पर दिखे और घर से भी स्पोट मिल गया    

मासकोम करने के लिए आपने किसी दूसरे संस्थान को क्यों नहीं चुना, जबकि इंडिया में इससे भी अच्छे संस्थान हैं ?
मेरी फॅमिली लखनऊ में रहती है. और मैं यहाँ पर अपने आप को सुरक्षित महसूस करती हूँ. इसलिए मैंने लखनऊ विश्वविद्यालय को चुना. 


आपकी होबी क्या है ?
नॉर्मली सोना, बच्चों के साथ टाइम स्पेंड करना, और आउट ऑफ़ स्टेशन घूमना.


अपनी होबी में कहा कि आपको लोगों के साथ घूमना पसंद है . इस बात पर थोडा और प्रकाश डालिए ? 
मैं अपने बराबर उम्र  के लोगों के साथ घूमना पसंद करती हूँ, न कि बड़ों के साथ. क्योंकि बड़े लोग बहुत स्ट्रिक्ट होते हैं. बार-बार कहते रहते हैं - इधर उधर न जाओ, ये करो, ये न करो तो घूमने का सारा मज़ा बेकार हो जाता है. हम यूथ लोगों कि सोच एक जैसी होती है, जिसे बड़े ठीक तरह से नहीं समझ सकते.


आप अपने होबी को भी अपना प्रोफेशन चुन सकती थी ?
स्केचिंग मुझे आती  है लेकिन मैंने कभी सोची नही, और जब मैंने सोचा तो कोर्सेज काफी कॉस्टली थे 

किस प्रकार की मूवी आपको अच्छी लगती है ?
वैसे तो मुझे सभी तरह की मूवीज अच्छी लगती हैं मगर मैं खास तौर पर  रोमांटिक, कोलेज टाइप की और कोमेडी फिल्मे ज्यादा पसंद करती हूँ.

इस कोर्स को पूरा करने के बाद आप कितनी  आमदनी कर सकती हैं ?
मुझे इसकी नोलेज नहीं है कि कहाँ पर पैसा ज्यादा मिल सकता है. मैं केवल नेम-फेम के लिए मीडिया से जुडी हूँ. जिसका काम पैसा कमाना हैं वही पैसा कमाएगा.

क्या आप सेल्फ-डिपेंडेंट नहीं बनना चाहती ?    
नहीं , मैं कमाना तो चाहती हूँ, मगर पूरे घर का खर्च नहीं चलाना चाहती. सेल्फ-डिपेंडेंट बनना है लेकिन नेम-फेम के साथ.

आपकी नज़र में मासकोम कि क्या अहमियत है ?
यह एक ऐसा फील्ड है जहाँ पर बहुत सारी opportunities हैं .यह एक फील्ड है जहाँ पर हम बेहतर तरीके से  अपनी बात को लोगों तक पहुंचा सकते हैं.

"टेलीविजन हमारी ज़िन्दगी में काफी तेजी से प्रवेश कर रहा है". इस बारे में आप क्या कहना चाहेंगी ?
मुझे लगता है कि टेलीविजन मनोरंजन का  ज्यादा अच्छा साधन है. मुझे खुशी है कि लोग टेलीविजन से जुड़ रहे हैं . हालाँकि टेलीविजन गलत और सही दोनों तरह के काम कर रहा है.

तो फिर आप किस तरह के प्रोग्राम देखना पसंद करती हैं ?
मैं ज्यादा समय टी वी को नहीं देती लेकिन जब मैं आम तौर पर सी.आई.डी. , खोटे सिक्के , के डी कि अदालत , न्यूज़ २४ घंटे , २४ रिपोर्टर जैसे प्रोग्राम देखती हूँ. 

सुंदर दिखने के लिए आप डाइटिंग को कितना महत्वपूर्ण मानती हैं ?
मैं अपने आपको सुन्दर नहीं मानती और जहाँ तक डाइटिंग कि बात है , मैं चाइनीज़ फ़ूड लेती हूँ. सुन्दरता का डाइटिंग से कोई लेना-देना नहीं हैं. यह तो कुदरत कि देन होती है.

एक्टिव रहने के लिए आप कौन से तरीके अपनाती हैं ?
मैं हमेशा खुश रहने कि कोशिश करती हूँ. न तो फालतू बातें करती हूँ और न ही फालतू बातों को सुनना पसंद करती हूँ. इसीलिए मैं हमेशा एक्टिव रहती हूँ.

हर आदमी कि कोई न कोई कमजोरी होती है. आप मे भी कोई कमजोरी होगी. क्या आप उसे शेयर करना चाहेंगी ?
मैं थोडा इमोशनल हूँ . छोटी छोटी बातों को मैं दिल पर ले लेती हूँ . कभी-कभी ईगो प्रोब्लम भी आ जाती है. क्योंकि मैं एक प्रोफेशनल कोर्स कर रही हूँ इसलिए मुझे इसे सुधारना होगा.

अपनी ज़िन्दगी में आप तकदीर को कहाँ तक सार्थक मानती हैं ?
मैं तकदीर पर यकीन नहीं करती. लेकिन कभी-कभी इस पर यकीन करना पड़ता है.

अक्सर कहा जाता है कि अगर कोई प्यार करने वाला मिल जाये तो आप दुनिया-जहां  जीत सकते हैं ?
मुझे ऐसा नहीं लगता. दोनों को अपडेट रहना चाहिए तभी कोई रिश्ता चल सकता है. हाँ अगर कोई प्यार करने
वाला हो तो कोंफिड़ेंस लेवल बढ़ जाता है. हर किसी को सच्चा प्यार करने वाला मिलना चाहिए.

लोग गले में चैन, माला, काले धागे पहनते है आप ने चप्पल पहन है
इसको पहनने से किसी की नजर नही लगती ,देखने में यूनिक  भी लगता है और मम्मी ने ला कर दे दिया था इस लिए पहने है.

आप कैसी ड्रेस पहनना पसंद करती हैं ?
जिन कपड़ों में मैं comfortable महसूस करती हूँ. वैसे मैं दिन में  जींस-टीशर्ट और रात में नाइटी प्रेफ़र करती हूँ.

शादी के बारे में आपके क्या ख्याल हैं ?      
यह सब हास्य-व्यंग्य है. रस्में और रिवाज़ सब फोर्मलिटी हैं, दिखावा है . अगर दोनों पक्ष राज़ी हों, तोह आपस में मिल कर सिन्दूर लगा लेना चाहिए और शादी के नाम पर एक पार्टी दे देनी चाहिए.
                                                                                             जहाँ तक मेरी शादी का सवाल है, २५ साल की होने से पहले मैं शादी नहीं करुँगी. मेरे घर वाले मेरी शादी के लिए परेशां हैं. लेकिन मैं कुछ बनने के बाद शादी करना चाहती हूँ.

नारियों के बारे में आप  क्या कहना चाहती हैं ?
देश के हर काम को नारी कर सकती है. इसलिए लड़के-लड़कियों में भेदभाव करना गलत है. औरत को खुद मजबूत बनकर आगे आना होगा, नहीं तो लड़कियों को लड़के हमेशा डरा कर रखेंगे.

आप अपने परिवार में सबसे ज्यादा किसको पसंद करती हैं और क्यों ?
मैं अपनी फॅमिली में सबसे ज्यादा अपने पापा को पसंद करती हूँ. क्योकि मम्मी बहुत स्ट्रिक्ट है. लकिन कुछ बातें मम्मी से भी शेयर करनी पड़ती है.

आपका क्लास में कोई खास फ्रेंड नहीं है, ऐसा क्यों ?
क्लास में कोई भी ढंग से बात नहीं करता है. मुझे झूठ बोलने वाले और बेईमान लोग नहीं पसंद हैं  और वैसे भी मैं अपने से मतलब रखती हूँ.

भविष्य में आपकी क्या प्लानिंग है ?
मैंने आगे के बारे में अभी कुछ खास नहीं सोचा है.  
                                
                    
                                                                                                                           -  ज्योति राव फुले 





    



6 comments:

  1. ब्‍लागजगत पर आपका स्‍वागत है ।

    संस्‍कृत की सेवा में हमारा साथ देने के लिये आप सादर आमंत्रित हैं,
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    धन्‍यवाद

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  2. आगा़ज़ तो अच्छा रहा...स्वागत है...
    आप जरूर आएं..
    http://veenakesur.blogspot.com/

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  3. आपके ब्लॉग पर आकर अच्छा लगा. हिंदी लेखन को बढ़ावा देने के लिए तथा प्रत्येक भारतीय लेखको को एक मंच पर लाने के लिए " भारतीय ब्लॉग लेखक मंच" का गठन किया गया है. आपसे अनुरोध है कि इस मंच का followers बन हमारा उत्साहवर्धन करें , हम आपका इंतजार करेंगे.
    हरीश सिंह.... संस्थापक/संयोजक "भारतीय ब्लॉग लेखक मंच"
    हमारा लिंक----- www.upkhabar.in/

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  4. इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  5. बहुत अच्छी पोस्ट, शुभकामना, मैं सभी धर्मो को सम्मान देता हूँ, जिस तरह मुसलमान अपने धर्म के प्रति समर्पित है, उसी तरह हिन्दू भी समर्पित है. यदि समाज में प्रेम,आपसी सौहार्द और समरसता लानी है तो सभी के भावनाओ का सम्मान करना होगा.
    यहाँ भी आये. और अपने विचार अवश्य व्यक्त करें ताकि धार्मिक विवादों पर अंकुश लगाया जा सके., हो सके तो फालोवर बनकर हमारा हौसला भी बढ़ाएं.
    मुस्लिम ब्लोगर यह बताएं क्या यह पोस्ट हिन्दुओ के भावनाओ पर कुठाराघात नहीं करती.

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