Monday, February 7, 2011

दस साल बाद पुस्तको का मेला

लखनऊ ६ फ़रवरी (मजमक) लखनऊ   विश्वविद्यालय  और जिला प्रशासन के सहयोग से  विश्वविद्यालय के टेनिस ग्राउंड में पुस्तकों का मेला लगायहाँ  ५  फरवरी  से  १३ फ़रवरी  तक रहेगा है इस मेले में कुल ११५ प्रकाशक हिसा लिए है मेले में आठ रु. से लेकर पाच हजार रु . तक की किताबे उपलब्ध है हालाकी किताबो का औसत  २५ से ४०० रुपये है प्रत्येक किताब पर १० % की छुट है , कई प्रकाशक तो  २५ % तक छुट भी दे रहे है , मेले में जो किताबे है ओ पाठको के लिए पर्याप्त है आप चाहे तो विज्ञान से लेकर खाना बनाने तक, बच्चो से लेकर बूढ़े तक धार्मिक से लेकर मुसायरे तक  की किताबे, सोफ्टवेयर,गेम  मेडिकल    की सी डी  आप वहा पा सकते है यदि आप विलियम सेक्सपियर को पढना चाहते है और आप को अंग्रेजी नही आती है तो चिंता  करने की कोई  बात  नही है अब यह हिंदी में भी उपलब्ध है इसी प्रकार धार्मिक पुस्तक क़ुरआन अब हिंदी में आ गई  है, कुछ रुसी किताबे भी आई है  जो की अंग्रेजी में हैं ,प्यार के बारे में जानने शायरी पढने वालो के लिए "लव का न्य फंडा"फाई,गिजू भाई का गुलदस्ता, चूहा सात  पूंछो वाला जैसे कई किताबे आकर्सन   का केंद्र है इसके बाउजुद वहा के प्रकाशको का कहना है की "यहाँ पर पाठक कम  बल्कि दर्शक ज्जादा  है "पाठक तो केरल ,बिहार, बंगला देस  में है   इस से यह पता चलता है की स्टुडेंट और पाठक गण इन्टरनेट का क्रेज बढ़ा रहे है एसा प्रतीत होतो है की आज के भाग  दौड़ भरी जीवन में लोगो के पास समय नही है की वे किताबे पढ़े वहा यह देखने में आया की यंग एज के लडके और कन्याओ की संख्या ज्यादा है हालाकी पाठक गण को लुभाने के liye ९,१०,११,फरवरी को मेला आयोजक ने सांस्कृतिक कार्यक्रमओ कि bhi  wywstha  keeya  है   
pustko  के  sns ar में  कोए नही है साथ 

1 comment:

  1. फुले जी कोई पैराग्राफ नहीं है इंट्रो कहाँ शुरू हो रहा है कहाँ खतम
    कुछ स्पष्ट नहीं है

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