Thursday, January 27, 2011

मै और मेंरी ज़िन्दगी

प्रिय मित्रो 
             आप लोगों ने  हेडिंग को पढ़कर ही  अंदाज़ा  लगा लिया होगा की मैं किस विषय पर  बात करना चाह रहा हूँ , दोस्तों एक व्यक्ति होता है और उसकी अपनी ज़िन्दगी होती है और वो  बहुत कुछ चाहता है  आपनी ज़िंदगी  से, इस छोटी  से ज़िंदगी  में वह संसार की सारी खुशियाँ पाना चाहता है, और जहाँ  तक होता है वह उन सभी चीजों  को पाता  है पर क्या हमे वोह  सारी खुशियाँ  मिलती है जिन्हें पाने के  सपने हमने देख रखे थे   ...............? दोस्तों हमारे ज़िन्दगी  में बहुत सी चीजे आती  है जैसे लड़की ,दौलत ,परिवार,लड़ाई - झगड़े  और बहुत कुछ , पर हमारे जिन्दगी के लिया क्या सही है या गलत  यह हमको खुद  तय करना है, दोस्तों हमारे जिंदगी में बहुत  सी चीजे आती है और चली जाती है पर किसी  को हम अपनाते  है और किसी को चाह कर भी छोड़ना पड़ता है और कुछ चीजें हमारी ज़िन्दगी के लिए हानिकारक  होती है इसलिए छोड़ना पड़ता है, हम अपनी  जिंदगी में बहुत कुछ करना चाहते है क्यूँकी हमारी तरक्की से बहुत सारे लोगों की उम्मीदें जुडी होती है. और जब  हम उन उम्मीदों को पूरा कर लेते हैं तभी हमारे मस्तिष्क में ज़िंदगी के और नए ख्वाब आ जाते हैं और जिन्हें पाने के लिए हम अपना और विकास करते हैं
            दोस्तों   लड़की कि तरह ही हमारी ज़िन्दगी का एक सपना होता है दौलत को हासिल करना यहाँ पर मेरा मतलब यह नहीं है कि मुझे कुबेर का खज़ाना या खुल जा सिमसिम मिल जाये . मैं चाहता कि मैं अपनी मेहनत के बल पर ही दौलत हासिल करूँ और समाज में एक अच्छी जगह बना लूँ .
            मेरे दोस्तों हमारी ज़िन्दगी को सही दिशा देने का सबसे अहम् काम करता है हमारा परिवार. चूँकि यहाँ मैं अपनी ज़िन्दगी कि बात कर रहा हूँ इसलिए मैं आप लोगों को बताना चाहूँगा कि मेरे परिवार ने मेरा हर काम को करने में अपना पूरा सहयोग दिया है इसलिए मेरी भी यह ज़िम्मेदारी बनती है कि मैं कभी ऐसा कोई काम नहीं करूँ जो आगे चलकर मेरे परिवार को दुःख पहुंचाए . बल्कि मैं हमेशा अपने परिवार के अरमानो को पूरा करने में तत्पर रहूँगा.
                   तो दोस्तों देखा आपने कि किस तरह  से मैंने आपको अपने  और अपनी ज़िन्दगी के बारे में बताया और मैं चाहता हूँ कि अगर आपके पास कुछ ऐसे विचार हों जो मेरी ज़िंदगी  को और खुशहाल बना सकें तो  मुझे ज़रूर बताइए मुझे उनका बेसब्री  से इंतज़ार रहेगा .               

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